दो बहनें हैं बड़ा इन में है तज़ाद साथ रहती हैं दोनों बड़ा है इन में इत्तिफ़ाक़ दिल छलनी किए देती है इक मरहम लगाती है इक क़रीब मौत के लाती है इक पास ज़िंदगी के ले जाती है इक साथ रहती हैं दोनों बड़ा है इन में इत्तिफ़ाक़ इक को उम्मीद दूसरी को ना-उम्मीदी कहते हैं क्यों लोग कहते हैं दोनों में बैर है दोनों में दोस्ती है मोहब्बत है इंसाँ को सँभाले रहती हैं