नजात

Shayari By

(1)
दुखी चमार दरवाज़े पर झाड़ू लगा रहा था, और उसकी बीवी झरिया घर को लीप रही थी। दोनों अपने अपने काम से फ़राग़त पा चुके, तो चमारिन ने कहा,

“तो जा कर पण्डित बाबा से कह आओ। ऐसा न हो कहीं चले जाएँ।”
दुखी, “हाँ जाता हूँ, लेकिन ये तो सोच कि बैठेंगे किस चीज़ पर?” [...]

पठानिस्तान

Shayari By

“ख़ू, एक दम जल्दी बोलो, तुम कौन ऐ?”
“मैं... मैं...”

“ख़ू शैतान का बच्चा जल्दी बोलो... इंदू ऐ या मुस्लिमीन?”
“मुस्लिमीन।” [...]

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