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ये ग़ाज़ी ये तेरे पुर-अस्रार बन्दे

ट्रेन मग़रिबी जर्मनी की सरहद में दाख़िल हो चुकी थी। हद-ए-नज़र तक लाला के तख़्ते लहलहा रहे थे। देहात की शफ़्फ़ाफ़ सड़कों पर से कारें ज़न्नाटे से गुज़रती जाती थ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

सुना है आलम-ए-बाला में कोई कीमिया-गर था

फिर शाम का अंधेरा छा गया। किसी दूर दराज़ की सरज़मीन से, न जाने कहाँ से मेरे कानों में एक दबी हुई सी, छुपी हुई आवाज़ आहिस्ता-आहिस्ता गा रही थी, ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

वकालत

मंज़ूर है गुज़ारिश-ए-अहवाल-ए-वाक़ई ...

मिर्ज़ा-अज़ीम-बेग़-चुग़ताई

ये ग़ाज़ी ये तेरे पुर-अस्रार बन्दे

ट्रेन मग़रिबी जर्मनी की सरहद में दाख़िल हो चुकी थी। हद-ए-नज़र तक लाला के तख़्ते लहलहा रहे थे। देहात की शफ़्फ़ाफ़ सड़कों पर से कारें ज़न्नाटे से गुज़रती जाती थ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

आँखें उसे ढूँडेंगी तमाशा नहीं होगा

आँखें उसे ढूँडेंगी तमाशा नहीं होगा ...

abrar-ahmad

अन्न-दाता

(1) ...

कृष्ण-चंदर

बाँझ

मेरी और उसकी मुलाक़ात आज से ठीक दो बरस पहले अपोलोबंदर पर हुई। शाम का वक़्त था, सूरज की आख़िरी किरनें समुंदर की उन दराज़ लहरों के पीछे ग़ायब हो चुकी थी जो...

सआदत-हसन-मंटो

आ रही है ये तूर से आवाज़

आ रही है ये तूर से आवाज़ ...

abr-ahsani-ganauri

वापसी का टिकट

इंसान ने इंसान को ईज़ा पहुँचाने के लिए जो मुख़्तलिफ़ आले और तरीक़े इख़्तियार किए हैं उनमें सबसे ज़ियादा ख़तरनाक है टेलीफ़ोन साँप के काटे का मंत्र तो हो स...

ख़्वाजा-अहमद-अब्बास

क़लम को ख़ून में ग़र्क़ाब देखते जाओ

क़लम को ख़ून में ग़र्क़ाब देखते जाओ ...

abida-karamat

क़लंदर

ग़ाज़ीपूर के गर्वमैंट हाई स्कूल की फ़ुटबाल टीम एक दूसरे स्कूल से मैच खेलने गई थी। वहाँ खेल से पहले लड़कों में किसी छोटी सी बात पर झगड़ा हुआ और मारपीट शुरू...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

सुना है आलम-ए-बाला में कोई कीमिया-गर था

फिर शाम का अंधेरा छा गया। किसी दूर दराज़ की सरज़मीन से, न जाने कहाँ से मेरे कानों में एक दबी हुई सी, छुपी हुई आवाज़ आहिस्ता-आहिस्ता गा रही थी, ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

जानकी

पूना में रेसों का मौसम शुरू होने वाला था कि पेशावर से अ’ज़ीज़ ने लिखा कि मैं अपनी एक जान पहचान की औरत जानकी को तुम्हारे पास भेज रहा हूँ, उसको या तो पूना...

सआदत-हसन-मंटो

बेगू

तसल्लियां और दिलासे बेकार हैं। लोहे और सोने के ये मुरक्कब में छटांकों फांक चुका हूँ। कौन सी दवा है जो मेरे हलक़ से नहीं उतारी गई। मैं आपके अख़लाक़ का मम...

सआदत-हसन-मंटो

जब से दरिया में है तुग़्यानी बहुत

जब से दरिया में है तुग़्यानी बहुत ...

abid-wadood

वो जो हर राह के हर मोड़ पे मिल जाता है

वो जो हर राह के हर मोड़ पे मिल जाता है ...

abid-almi

मिट्टी से मशवरा न कर पानी का भी कहा न मान

मिट्टी से मशवरा न कर पानी का भी कहा न मान ...

abhishek-shukla

पहले से पैरहन मिरा इतना उदास और

पहले से पैरहन मिरा इतना उदास और ...

abhishar-geeta-shukl

नज़र तो आस की अब अहल-ए-आसमान पे है

नज़र तो आस की अब अहल-ए-आसमान पे है ...

abhay-kumar-bebak

बदली बदली सी गुलिस्ताँ की हवा आज भी है

बदली बदली सी गुलिस्ताँ की हवा आज भी है ...

abdussamad-javed
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