सभी हिंदी शायरी
शारदा
नज़ीर ब्लैक मार्कीट से विस्की की बोतल लाने गया। बड़े डाकख़ाने से कुछ आगे बंदरगाह के फाटक से कुछ उधर सिगरेट वाले की दुकान से उसको स्काच मुनासिब दामों पर...
मम्मद भाई
फ़ारस रोड से आप उस तरफ़ गली में चले जाइए जो सफ़ेद गली कहलाती है तो उसके आख़िरी सिरे पर आपको चंद होटल मिलेंगे। यूँ तो बंबई में क़दम क़दम पर होटल और रेस्तोर...
जानकी
पूना में रेसों का मौसम शुरू होने वाला था कि पेशावर से अ’ज़ीज़ ने लिखा कि मैं अपनी एक जान पहचान की औरत जानकी को तुम्हारे पास भेज रहा हूँ, उसको या तो पूना...
मेरा नाम राधा है
ये उस ज़माने का ज़िक्र है जब इस जंग का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। ग़ालिबन आठ नौ बरस पहले की बात है जब ज़िंदगी में हंगामे बड़े सलीक़े से आते थे। आज कल की तरह न...
मिरी झोली में वो लफ़्ज़ों के मोती डाल देता है
मिरी झोली में वो लफ़्ज़ों के मोती डाल देता है ...
मम्मद भाई
फ़ारस रोड से आप उस तरफ़ गली में चले जाइए जो सफ़ेद गली कहलाती है तो उसके आख़िरी सिरे पर आपको चंद होटल मिलेंगे। यूँ तो बंबई में क़दम क़दम पर होटल और रेस्तोर...
बर्फ़बारी से पहले
“आज रात तो यक़ीनन बर्फ़ पड़ेगी”, साहिब-ए-ख़ाना ने कहा। सब आतिश-दान के और क़रीब हो के बैठ गए। आतिश-दान पर रखी हुई घड़ी अपनी मुतवाज़िन यकसानियत के साथ टक-टक ...
मम्मद भाई
फ़ारस रोड से आप उस तरफ़ गली में चले जाइए जो सफ़ेद गली कहलाती है तो उसके आख़िरी सिरे पर आपको चंद होटल मिलेंगे। यूँ तो बंबई में क़दम क़दम पर होटल और रेस्तोर...
मज़ा आता किसी सूरत अगर तर्क-ए-वफ़ा होता
मज़ा आता किसी सूरत अगर तर्क-ए-वफ़ा होता ...
किसी से इश्क़ करना और इस को बा-ख़बर करना
किसी से इश्क़ करना और इस को बा-ख़बर करना ...
किसी से इश्क़ करना और इस को बा-ख़बर करना
किसी से इश्क़ करना और इस को बा-ख़बर करना ...