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'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को

'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को ...

abbas-ali-khan-bekhud

'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को

'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को ...

abbas-ali-khan-bekhud

फिर ख़याबाँ बाद शबनम देखिए फ़ौरन खुला

फिर ख़याबाँ बाद शबनम देखिए फ़ौरन खुला ...

abaan-asif-kachkar

फिर ख़याबाँ बाद शबनम देखिए फ़ौरन खुला

फिर ख़याबाँ बाद शबनम देखिए फ़ौरन खुला ...

abaan-asif-kachkar

नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से

नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से ...

abaan-asif-kachkar

नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से

नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से ...

abaan-asif-kachkar

इब्न-ए-मरियम की शफ़ाअत शोख़ी-ए-ईजाद तक

इब्न-ए-मरियम की शफ़ाअत शोख़ी-ए-ईजाद तक ...

abaan-asif-kachkar

इब्न-ए-मरियम की शफ़ाअत शोख़ी-ए-ईजाद तक

इब्न-ए-मरियम की शफ़ाअत शोख़ी-ए-ईजाद तक ...

abaan-asif-kachkar

गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी

गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी ...

abaan-asif-kachkar

गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी

गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी ...

abaan-asif-kachkar

स्वराज के लिए

मुझे सन् याद नहीं रहा लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़लाब ज़िंदाबाद” के नारे गूंजते थे। उन नारों में, मुझे अच्छी तरह याद है, एक अ’जीब क़िस...

सआदत-हसन-मंटो

आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया

आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया ...

aatif-waheed-yasir

आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया

आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया ...

aatif-waheed-yasir

ऐसी कहाँ उतरी है कोई शाम मिरी जान

ऐसी कहाँ उतरी है कोई शाम मिरी जान ...

aasnath-kanwal

ऐसी कहाँ उतरी है कोई शाम मिरी जान

ऐसी कहाँ उतरी है कोई शाम मिरी जान ...

aasnath-kanwal

इश्क़ पाबंद-ए-वफ़ा है न कि पाबंद-ए-रुसूम

इश्क़ पाबंद-ए-वफ़ा है न कि पाबंद-ए-रुसूम

aasi-uldani

इश्क़ पाबंद-ए-वफ़ा है न कि पाबंद-ए-रुसूम

इश्क़ पाबंद-ए-वफ़ा है न कि पाबंद-ए-रुसूम

aasi-uldani

क़ैद से पहले भी आज़ादी मिरी ख़तरे में थी

क़ैद से पहले भी आज़ादी मिरी ख़तरे में थी ...

aasi-uldani

क़ैद से पहले भी आज़ादी मिरी ख़तरे में थी

क़ैद से पहले भी आज़ादी मिरी ख़तरे में थी ...

aasi-uldani

मैं एक मुद्दत से सोचता हूँ

मैं एक मुद्दत से सोचता हूँ

dr.-yasin-aatir
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