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'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को
'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को ...
'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को
'अबस है पेश-ए-अर्बाब-ए-सुख़न अज़्म-ए-सुख़न मुझ को ...
नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से
नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से ...
नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से
नहीं अकबर यहाँ मुझ शेर की ख़्वाहाँ बयानी से ...
गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी
गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी ...
गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी
गर्द के उन्वान से क्यों मिल रही है गर्द साक़ी ...
स्वराज के लिए
मुझे सन् याद नहीं रहा लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़लाब ज़िंदाबाद” के नारे गूंजते थे। उन नारों में, मुझे अच्छी तरह याद है, एक अ’जीब क़िस...
आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया
आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया ...
आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया
आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया ...