aurat

Shayari By

badhati hun qadam
fauran hi pichhe khinch leti hun

ye andesha mujhe aage kabhi badhne nahin deta
na-jaane log kya sochen [...]

tere mathe pe ye aanchal bahut hi KHub hai lekin

Shayari By

tere mathe pe ye aanchal bahut hi khub hai lekin
tu is aanchal se ek parcham bana leti to achchha tha

यह शे’र इसरार-उल-हक़ मजाज़ के मशहूर अशआर में से एक है। माथे पे आँचल होने के कई मायने हैं। उदाहरण के लिए शर्म व लाज का होना, मूल्यों का रख रखाव होना आदि और भारतीय समाज में इन चीज़ों को नारी का शृंगार समझा जाता है। मगर जब नारी के इस शृंगार को पुरुष सत्तात्मक समाज में नारी की कमज़ोरी समझा जाता है तो नारी का व्यक्तित्व संकट में पड़ जाता है। इसी तथ्य को शायर ने अपने शे’र का विषय बनाया है। शायर नारी को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि यद्यपि तुम्हारे माथे पर शर्म व हया का आँचल ख़ूब लगता है मगर उसे अपनी कमज़ोरी मत बना। वक़्त का तक़ाज़ा है कि आप अपने इस आँचल से क्रांति का झंडा बनाएं और इस ध्वज को अपने अधिकारों के लिए उठाएं।
[...]

aurat

Shayari By

tabish-e-khurshid nur-e-mah pani ki jhalak
khanda-e-qulqul sada koyal ki ghunchon ki chatak

larzish-e-simab bijli ki tadap shakhon ka loch
aql ki tezi tabiat ki upach shair ka soch [...]

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