सभी हिंदी शायरी

फिर एक दूसरी हिजरत नहीं ज़मीन नहीं

फिर एक दूसरी हिजरत नहीं ज़मीन नहीं ...

akash-arsh

मिरी तरह का कोई शख़्स मर गया मुझ में

मिरी तरह का कोई शख़्स मर गया मुझ में ...

akash-arsh

मैं वो दरख़्त हूँ खाता है जो भी फल मेरे

मैं वो दरख़्त हूँ खाता है जो भी फल मेरे ...

ajmal-siraj

क्या कहेगा कभी मिलने भी अगर आएगा वो

क्या कहेगा कभी मिलने भी अगर आएगा वो ...

ajmal-siraj

रो रो के बयाँ करते फिरो रंज-ओ-अलम ख़ूब

रो रो के बयाँ करते फिरो रंज-ओ-अलम ख़ूब ...

ajmal-siddiqui

ख़त जो तेरे नाम लिखा, तकिए में छुपा के रखता हूँ

ख़त जो तेरे नाम लिखा, तकिए में छुपा के रखता हूँ ...

ajmal-siddiqui

वक़्त-ए-सफ़र क़रीब है बिस्तर समेट लूँ

वक़्त-ए-सफ़र क़रीब है बिस्तर समेट लूँ ...

ajmal-ajmali

रास्ते के पेच-ओ-ख़म क्या शय हैं सोचा ही नहीं

रास्ते के पेच-ओ-ख़म क्या शय हैं सोचा ही नहीं ...

ajmal-ajmali

कुछ साज़गार जब मिरे हालात भी नहीं

कुछ साज़गार जब मिरे हालात भी नहीं ...

ajiz-matvi

कभी अहल-ए-मुहब्बत यूँ न ख़ौफ़-ए-जिस्म-ओ-जाँ करते

कभी अहल-ए-मुहब्बत यूँ न ख़ौफ़-ए-जिस्म-ओ-जाँ करते ...

ajiz-matvi

हर-सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँडते हैं हम

हर-सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँडते हैं हम ...

ajiz-matvi

बहारों से ख़िज़ाँ तक यूँही सैर-ए-गुलसिताँ कर के

बहारों से ख़िज़ाँ तक यूँही सैर-ए-गुलसिताँ कर के ...

ajiz-matvi

उन को अपने क़रीब देखा है

उन को अपने क़रीब देखा है ...

ajeet-kumar-dil

ताज़ा हवा के वास्ते खिड़की न बन सका

ताज़ा हवा के वास्ते खिड़की न बन सका ...

ajay-sahaab

ये क्या हालत बना रक्खी है ये आसार कैसे हैं

ये क्या हालत बना रक्खी है ये आसार कैसे हैं ...

aitbar-sajid

ये बरसों का त'अल्लुक़ तोड़ देना चाहते हैं हम

ये बरसों का त'अल्लुक़ तोड़ देना चाहते हैं हम ...

aitbar-sajid

तिरे जैसा मेरा भी हाल था न सुकून था न क़रार था

तिरे जैसा मेरा भी हाल था न सुकून था न क़रार था ...

aitbar-sajid

कैसे कहीं कि जान से प्यारा नहीं रहा

कैसे कहीं कि जान से प्यारा नहीं रहा ...

aitbar-sajid

ढूँडते क्या हो इन आँखों में कहानी मेरी

ढूँडते क्या हो इन आँखों में कहानी मेरी ...

aitbar-sajid

ख़ुशी में यूँ इज़ाफ़ा कर लिया है

ख़ुशी में यूँ इज़ाफ़ा कर लिया है ...

aisha-ayub
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