सभी हिंदी शायरी

न तुम्हारा हुस्न जवाँ रहा न हमारा 'इश्क़ जवाँ रहा

न तुम्हारा हुस्न जवाँ रहा न हमारा 'इश्क़ जवाँ रहा ...

akhtar-shirani

बजा कि है पास-ए-हश्र हम को करेंगे पास-ए-शबाब पहले

बजा कि है पास-ए-हश्र हम को करेंगे पास-ए-शबाब पहले ...

akhtar-shirani

अगर वो अपने हसीन चेहरे को भूल कर बे-नक़ाब कर दे

अगर वो अपने हसीन चेहरे को भूल कर बे-नक़ाब कर दे ...

akhtar-shirani

सर में सौदा-ए-वफ़ा रखते हैं

सर में सौदा-ए-वफ़ा रखते हैं ...

akhtar-saeed-khan

ख़ुद से कितना किया दग़ा मैं ने

ख़ुद से कितना किया दग़ा मैं ने ...

akhtar-saeed

ख़ाली है ज़ेहन ताक़त-ए-गुफ़्तार क्या करे

ख़ाली है ज़ेहन ताक़त-ए-गुफ़्तार क्या करे ...

akhtar-saeed

दूर है बा-हुज़ूर लगता है

दूर है बा-हुज़ूर लगता है ...

akhtar-saeed

'अख़्तर' को तो रीए में भी है 'आर क्या करे

'अख़्तर' को तो रीए में भी है 'आर क्या करे ...

akhtar-saeed

याद आई है तिरी सख़्त मक़ाम आया है

याद आई है तिरी सख़्त मक़ाम आया है ...

akhtar-orenvi

जो भी मिल जाता है घर-बार को दे देता हूँ

जो भी मिल जाता है घर-बार को दे देता हूँ ...

akhtar-nazmi

क़ुर्ब के ना वफ़ा के होते हैं

क़ुर्ब के ना वफ़ा के होते हैं ...

akhtar-malik

जो सख़्त-तर है वो मुश्किल अभी नहीं आई

जो सख़्त-तर है वो मुश्किल अभी नहीं आई ...

akhtar-madhupuri

हम अज़ल से अन-चाहे ज़ाब्तों में रहते हैं

हम अज़ल से अन-चाहे ज़ाब्तों में रहते हैं ...

akhtar-kazmi

हर बुत यहाँ टूटे हुए पत्थर की तरह है

हर बुत यहाँ टूटे हुए पत्थर की तरह है ...

akhtar-imam-rizvi

ख़्वाहिशें इतनी बढ़ीं इंसान आधा रह गया

ख़्वाहिशें इतनी बढ़ीं इंसान आधा रह गया ...

akhtar-hoshiyarpuri

ख़्वाब-महल में कौन सर-ए-शाम आ कर पत्थर मारता है

ख़्वाब-महल में कौन सर-ए-शाम आ कर पत्थर मारता है ...

akhtar-hoshiyarpuri

हम अक्सर तीरगी में अपने पीछे छुप गए हैं

हम अक्सर तीरगी में अपने पीछे छुप गए हैं ...

akhtar-hoshiyarpuri

दिल में इक जज़्बा-ए-बेदाद-ओ-जफ़ा ही होगा

दिल में इक जज़्बा-ए-बेदाद-ओ-जफ़ा ही होगा ...

akhtar-hoshiyarpuri

तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में रात ठहरी है

तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साए में रात ठहरी है ...

akhtar-gwaliori

जिगर का कर्ब नज़र की जलन छुपाता हुआ

जिगर का कर्ब नज़र की जलन छुपाता हुआ ...

akhtar-gwaliori
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