सभी हिंदी शायरी

जो बुझ गया उसी मंज़र पे रख के आया हूँ

जो बुझ गया उसी मंज़र पे रख के आया हूँ ...

salim-saleem

इसबात में भी है मिरा इंकार हर तरफ़

इसबात में भी है मिरा इंकार हर तरफ़ ...

salim-saleem

इस सफ़र में तो वो बीती है कि कुछ भी मत पूछ

इस सफ़र में तो वो बीती है कि कुछ भी मत पूछ ...

salim-saleem

हुस्न पर बढ़ के जान देने लगा

हुस्न पर बढ़ के जान देने लगा ...

salim-saleem

हुजूम-ए-शहर में आए बहुत थे

हुजूम-ए-शहर में आए बहुत थे ...

salim-saleem

हिज्र-ओ-विसाल कितना आसान कर दिया है

हिज्र-ओ-विसाल कितना आसान कर दिया है ...

salim-saleem

हवा से रिश्ता मिरा उस्तुवार होते हुए

हवा से रिश्ता मिरा उस्तुवार होते हुए ...

salim-saleem

हर तरफ़ घनघोर तारीकी थी राह-जिस्म में

हर तरफ़ घनघोर तारीकी थी राह-जिस्म में ...

salim-saleem

हर एक पहलू-ए-ख़ुश-मंज़री बिखरता रहा

हर एक पहलू-ए-ख़ुश-मंज़री बिखरता रहा ...

salim-saleem

हमें तो नश्शा-ए-हिज्राँ निढाल छोड़ गया

हमें तो नश्शा-ए-हिज्राँ निढाल छोड़ गया ...

salim-saleem

घर की जानिब वो चल रहा होगा

घर की जानिब वो चल रहा होगा ...

salim-saleem

गाहे-गाहे मैं तुझे याद भी कर सकता हूँ

गाहे-गाहे मैं तुझे याद भी कर सकता हूँ ...

salim-saleem

दिन के हंगामों में दुनिया थी तमाशाई मिरी

दिन के हंगामों में दुनिया थी तमाशाई मिरी ...

salim-saleem

बिछड़ के तुझ से जो हम जान से जुदा हुए हैं

बिछड़ के तुझ से जो हम जान से जुदा हुए हैं ...

salim-saleem

भरा हुआ हूँ मैं पूरे वुजूद से अपने

भरा हुआ हूँ मैं पूरे वुजूद से अपने ...

salim-saleem

बड़ी फ़ुर्सतें हैं कहीं गुज़र नहीं कर रहा

बड़ी फ़ुर्सतें हैं कहीं गुज़र नहीं कर रहा ...

salim-saleem

बदन था सोया हुआ रूह जागती हुई थी

बदन था सोया हुआ रूह जागती हुई थी ...

salim-saleem

बदन के सारे जज़ीरे शुमार करते हुए

बदन के सारे जज़ीरे शुमार करते हुए ...

salim-saleem

बदन बनाते हैं थोड़ी सी जाँ बनाते हैं

बदन बनाते हैं थोड़ी सी जाँ बनाते हैं ...

salim-saleem

बड़ा मज़ा हो जो ये मो'जिज़ा भी हो जाए

बड़ा मज़ा हो जो ये मो'जिज़ा भी हो जाए ...

salim-saleem
PreviousPage 65 of 642Next