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हज़ारों सर किसी के पाँव पर देखे नहीं जाते
हज़ारों सर किसी के पाँव पर देखे नहीं जाते ...
हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़
हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़
हज़ारों सर किसी के पाँव पर देखे नहीं जाते ...
हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़