सभी हिंदी शायरी

ये जो ठहरा हुआ मंज़र है बदलता ही नहीं

ये जो ठहरा हुआ मंज़र है बदलता ही नहीं ...

aftab-iqbal-shamim

फिर बपा शहर में अफ़रातफ़री कर जाए

फिर बपा शहर में अफ़रातफ़री कर जाए ...

aftab-iqbal-shamim

बात जो कहने को थी सब से ज़रूरी रह गई

बात जो कहने को थी सब से ज़रूरी रह गई ...

aftab-iqbal-shamim

अपनी कैफ़िय्यतें हर आन बदलती हुई शाम

अपनी कैफ़िय्यतें हर आन बदलती हुई शाम ...

aftab-iqbal-shamim

शायद वो पढ़ सकेंगे न लिक्खा हुआ तमाम

शायद वो पढ़ सकेंगे न लिक्खा हुआ तमाम ...

afsar-saleem-afsar

हज़ारों सर किसी के पाँव पर देखे नहीं जाते

हज़ारों सर किसी के पाँव पर देखे नहीं जाते ...

afsar-saleem-afsar

हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़

हाए वो जिस की उम्मीदें हों ख़िज़ाँ पर मौक़ूफ़

afsar-merathi

वो हमारी सम्त अपना रुख़ बदलता क्यूँ नहीं

वो हमारी सम्त अपना रुख़ बदलता क्यूँ नहीं ...

afsar-mahpuri

तेरी ख़ुशबू का तराशा है ये पैकर किस ने

तेरी ख़ुशबू का तराशा है ये पैकर किस ने ...

afsar-azri

जितने हैं रंग-ए-चमन रंग-ए-हिना हो जाएँगे

जितने हैं रंग-ए-चमन रंग-ए-हिना हो जाएँगे ...

afroz-rizvi

बस इतनी रह गई अहल-ए-वफ़ा की दास्ताँ बाक़ी

बस इतनी रह गई अहल-ए-वफ़ा की दास्ताँ बाक़ी ...

afqar-mohani

मुझ को इक अर्सा-ए-दिल-गीर में रक्खा गया था

मुझ को इक अर्सा-ए-दिल-गीर में रक्खा गया था ...

afeef-siraj

उमीद-वार तो बर्ग-ओ-समर के हम भी हैं

उमीद-वार तो बर्ग-ओ-समर के हम भी हैं ...

adnan-munawwar

इस्म बन कर तिरे होंटों से फिसलता हुआ मैं

इस्म बन कर तिरे होंटों से फिसलता हुआ मैं ...

adnan-mohsin

लिए फिरता है ख़ूँ-आलूद कब तक पैरहन आख़िर

लिए फिरता है ख़ूँ-आलूद कब तक पैरहन आख़िर ...

adnan-hamid

हुआ ख़त्म दरिया तो सहरा लगा

हुआ ख़त्म दरिया तो सहरा लगा ...

adil-mansuri

भूल कर भी न फिर मिलेगा तू

भूल कर भी न फिर मिलेगा तू ...

adil-mansuri

अर्सा-ए-माह-ओ-साल से गुज़रे

अर्सा-ए-माह-ओ-साल से गुज़रे ...

adil-faridi

मुफ़ाहमत न सिखा जब्र-ए-नारवा से मुझे

मुफ़ाहमत न सिखा जब्र-ए-नारवा से मुझे ...

adeem-hashmi

नज़्र-ए-इक़बाल

जहाँ में मिस्ल-ए-अली अपना नाम पैदा कर ...

adeel-zaidi
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