सभी हिंदी शायरी
असर दु'आ में नहीं तिश्ना सारे ख़्वाब रहे
असर दु'आ में नहीं तिश्ना सारे ख़्वाब रहे ...
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िले क्यूँ लुटे
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िले क्यूँ लुटे
उसे रहगुज़र कोई खा गई या बिछड़ के अपने ही घर गया
उसे रहगुज़र कोई खा गई या बिछड़ के अपने ही घर गया ...
तुझ को मा'लूम नहीं क्या मिरे ग़म-ख़्वार रखी
तुझ को मा'लूम नहीं क्या मिरे ग़म-ख़्वार रखी ...
सहराओं में ख़ाक उड़ाई सूरत मजनूँ वाली की
सहराओं में ख़ाक उड़ाई सूरत मजनूँ वाली की ...