सभी हिंदी शायरी

जो रंजिशें थीं उन्हें बरक़रार रहने दिया

जो रंजिशें थीं उन्हें बरक़रार रहने दिया ...

shakeel-azmi

जो लड़खड़ाएँ तो ख़ुद को सहारा करते हैं

जो लड़खड़ाएँ तो ख़ुद को सहारा करते हैं ...

shakeel-azmi

जहाँ है छत मिरी दर भी वहीं निकालता हूँ

जहाँ है छत मिरी दर भी वहीं निकालता हूँ ...

shakeel-azmi

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया

उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया ...

हवा-ए-शाम से दीवार में शिगाफ़ आया

हवा-ए-शाम से दीवार में शिगाफ़ आया ...

shakeel-azmi

हाथ पकड़ कर अन्दर तक ले जाते हैं

हाथ पकड़ कर अन्दर तक ले जाते हैं ...

shakeel-azmi

इक ज़रा सा बिगाड़ होने से

इक ज़रा सा बिगाड़ होने से ...

shakeel-azmi

दिनों को जोड़ो महीनों को साल करते रहो

दिनों को जोड़ो महीनों को साल करते रहो ...

shakeel-azmi

चाँद भी गुम है सितारा भी नहीं है कोई

चाँद भी गुम है सितारा भी नहीं है कोई ...

shakeel-azmi

बोझ कोई सर पर लेते हैं

बोझ कोई सर पर लेते हैं ...

shakeel-azmi

बाज़ार में इक हम ही ज़रूरत के नहीं थे

बाज़ार में इक हम ही ज़रूरत के नहीं थे ...

shakeel-azmi

बस्ती में एक गोशा-ए-वीरान ही तो था

बस्ती में एक गोशा-ए-वीरान ही तो था ...

shakeel-azmi

बारहा ख़ुद को बदलने का इरादा कर के

बारहा ख़ुद को बदलने का इरादा कर के ...

shakeel-azmi

बर्फ़ पिघले कि ज़रा रास्ता होने लग जाए

बर्फ़ पिघले कि ज़रा रास्ता होने लग जाए ...

shakeel-azmi

अभी मरा था अभी मर के जी उठा हूँ मैं

अभी मरा था अभी मर के जी उठा हूँ मैं ...

shakeel-azmi

आग दिल को लगे आँखों को धुआँ ले जाए

आग दिल को लगे आँखों को धुआँ ले जाए ...

shakeel-azmi

आ भी जाते तो पलट कर नहीं जाने देता

आ भी जाते तो पलट कर नहीं जाने देता ...

shakeel-azmi

ख़ुशियाँ नहीं तो क्यों कहूँ आज़ार भी नहीं

ख़ुशियाँ नहीं तो क्यों कहूँ आज़ार भी नहीं ...

shahzad-niaz

घाव जितने गहरे हों मैं भूल जाता हूँ सभी

घाव जितने गहरे हों मैं भूल जाता हूँ सभी ...

shahzad-niaz

दायरा मोहब्बत का जिस की ये कहानी है

दायरा मोहब्बत का जिस की ये कहानी है ...

shahzad-niaz
PreviousPage 61 of 642Next