सभी हिंदी शायरी

'इश्क़ की जैसे ही तशहीर हुई

'इश्क़ की जैसे ही तशहीर हुई ...

samar-khanabadosh

गर तार-ए-नफ़स टूटे तो सब ख़त्म तिरा शोर

गर तार-ए-नफ़स टूटे तो सब ख़त्म तिरा शोर ...

samar-khanabadosh

फ़लक से राब्ता टूटा ज़मीं पे आन पड़े

फ़लक से राब्ता टूटा ज़मीं पे आन पड़े ...

samar-khanabadosh

बा-अदब क़ीमती सामान में रक्खा जाए

बा-अदब क़ीमती सामान में रक्खा जाए ...

samar-khanabadosh

जो बात छुपाई है सब से वो उन से छुपानी मुश्किल है

जो बात छुपाई है सब से वो उन से छुपानी मुश्किल है

salman-akhtar

ज़िंदा रहने की अज़िय्यत ही नहीं है कुछ कम

ज़िंदा रहने की अज़िय्यत ही नहीं है कुछ कम ...

salim-saleem

ज़मीन थामे रहूँ सर पे आसमाँ ले जाऊँ

ज़मीन थामे रहूँ सर पे आसमाँ ले जाऊँ ...

salim-saleem

ज़मीं के होते हुए आसमाँ के होते हुए

ज़मीं के होते हुए आसमाँ के होते हुए ...

salim-saleem

यूँ तो सब के लिए क्या क्या न इशारे निकले

यूँ तो सब के लिए क्या क्या न इशारे निकले ...

salim-saleem

ये सारे लफ़्ज़ उसी से कलाम करते हैं

ये सारे लफ़्ज़ उसी से कलाम करते हैं ...

salim-saleem

ये क्या कि सारे दिए रात-भर जला न करें

ये क्या कि सारे दिए रात-भर जला न करें ...

salim-saleem

ये क्या कम है कि कुछ तो काम करते जा रहे हैं

ये क्या कम है कि कुछ तो काम करते जा रहे हैं ...

salim-saleem

वो कि ज़र्रों की तरह मुझ में सिमट कर फैला

वो कि ज़र्रों की तरह मुझ में सिमट कर फैला ...

salim-saleem

उस को भी किसी रोज़ मिरा ध्यान रहेगा

उस को भी किसी रोज़ मिरा ध्यान रहेगा ...

salim-saleem

उस के जैसा बनना है

उस के जैसा बनना है ...

salim-saleem

उसे ख़बर भी नहीं गर्द-ए-माह-ओ-साल हूँ मैं

उसे ख़बर भी नहीं गर्द-ए-माह-ओ-साल हूँ मैं ...

salim-saleem

उस का चेहरा है कि भूला हुआ मंज़र जैसे

उस का चेहरा है कि भूला हुआ मंज़र जैसे ...

salim-saleem

तुझे भुलाने पे बा-इख़्तियार हो गया है

तुझे भुलाने पे बा-इख़्तियार हो गया है ...

salim-saleem

तिरे ख़याल ने पहले सितारा-याब किया

तिरे ख़याल ने पहले सितारा-याब किया ...

salim-saleem

सूखे हुए होंटों को भिगोने में लगा हूँ

सूखे हुए होंटों को भिगोने में लगा हूँ ...

salim-saleem
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