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फ़स्ल-ए-गुल में भी वही दौर-ए-ख़िज़ाँ है अब के
फ़स्ल-ए-गुल में भी वही दौर-ए-ख़िज़ाँ है अब के ...
अँधेरी शब का ये ख़्वाब-मंज़र मुझे उजालों से भर रहा है
अँधेरी शब का ये ख़्वाब-मंज़र मुझे उजालों से भर रहा है
इक राज़-ए-ग़म-ए-दिल जब ख़ुद रह न सका दिल तक
इक राज़-ए-ग़म-ए-दिल जब ख़ुद रह न सका दिल तक ...
चले थे भर के रेत जब सफ़र की जिस्म-ओ-जाँ में हम
चले थे भर के रेत जब सफ़र की जिस्म-ओ-जाँ में हम ...