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बिना मंज़िल के रस्तों का सफ़र अपना रहा है
बिना मंज़िल के रस्तों का सफ़र अपना रहा है ...
बिछड़ना रस्म-ए-उल्फ़त है करिश्मा हो नहीं सकता
बिछड़ना रस्म-ए-उल्फ़त है करिश्मा हो नहीं सकता ...
बिना मंज़िल के रस्तों का सफ़र अपना रहा है ...
बिछड़ना रस्म-ए-उल्फ़त है करिश्मा हो नहीं सकता ...