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कल तुम्हें याद करता रहा दोस्तो

कल तुम्हें याद करता रहा दोस्तो ...

tuaqeer-chughtai

एक जैसे हैं दुनिया में कब आदमी

एक जैसे हैं दुनिया में कब आदमी ...

tuaqeer-chughtai

चंद बर्तन हैं चारपाई है

चंद बर्तन हैं चारपाई है ...

tuaqeer-chughtai

अगर हो ग़म की गहराई से मिलना

अगर हो ग़म की गहराई से मिलना ...

tuaqeer-chughtai

मुमकिन है गर तो सारे का सारा उठा के भाग

मुमकिन है गर तो सारे का सारा उठा के भाग ...

tasnim-abbas-quraishi

लोग इस दश्त में मारूफ़ हुए कम-कम से

लोग इस दश्त में मारूफ़ हुए कम-कम से ...

tasnim-abbas-quraishi

क्या और क्यों ये कैसे हुआ जब समझ लिया

क्या और क्यों ये कैसे हुआ जब समझ लिया ...

tasnim-abbas-quraishi

किसी लय में किसी भी ताल में हम

किसी लय में किसी भी ताल में हम ...

tasnim-abbas-quraishi

कहने को तो मल्बूस में वो जिस्म निहाँ था

कहने को तो मल्बूस में वो जिस्म निहाँ था ...

tasnim-abbas-quraishi

जिस से बनती न थी कभी अपनी

जिस से बनती न थी कभी अपनी ...

tasnim-abbas-quraishi

जाने किस ख़ाक से गुँधे हुए हैं

जाने किस ख़ाक से गुँधे हुए हैं ...

tasnim-abbas-quraishi

हुई हर आँख ख़ाली आँसुओं से

हुई हर आँख ख़ाली आँसुओं से ...

tasnim-abbas-quraishi

गुज़िश्ता कुछ दिनों से बेकली है

गुज़िश्ता कुछ दिनों से बेकली है ...

tasnim-abbas-quraishi

चाक पर गिर्या-कुनाँ ऐसे मिरी ख़ाक हुई

चाक पर गिर्या-कुनाँ ऐसे मिरी ख़ाक हुई ...

tasnim-abbas-quraishi

अज़ अज़ल शौक़ किसी ग़ैर का दीवाना रहा

अज़ अज़ल शौक़ किसी ग़ैर का दीवाना रहा ...

tasnim-abbas-quraishi

रंग-ओ-ख़याल जो भी है सारा लिए हुए

रंग-ओ-ख़याल जो भी है सारा लिए हुए ...

tariq-islam-kukravi

जीते हैं ज़िंदगी को बड़ी सादगी से हम

जीते हैं ज़िंदगी को बड़ी सादगी से हम ...

tariq-islam-kukravi

जब से हासिल हो गई है यार की यारी मुझे

जब से हासिल हो गई है यार की यारी मुझे ...

tariq-islam-kukravi

जान से खेल गया एक दिवाना आख़िर

जान से खेल गया एक दिवाना आख़िर ...

tariq-islam-kukravi

चमन की बुलबुलें हैं सोगवार मुद्दत से

चमन की बुलबुलें हैं सोगवार मुद्दत से ...

tariq-islam-kukravi
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