सभी हिंदी शायरी

बिछड़ के 'इश्क़ में जीना मुहाल है कि नहीं

बिछड़ के 'इश्क़ में जीना मुहाल है कि नहीं ...

tariq-islam-kukravi

बिछड़ कर तुझ से ऐ जान-ए-जिगर अच्छा नहीं लगता

बिछड़ कर तुझ से ऐ जान-ए-जिगर अच्छा नहीं लगता ...

tariq-islam-kukravi

ऐसा नहीं कि आप का चर्चा नहीं हुआ

ऐसा नहीं कि आप का चर्चा नहीं हुआ ...

tariq-islam-kukravi

सब सितारे लुटा दिए मैं ने

सब सितारे लुटा दिए मैं ने ...

tajwer-shakeel

इतनी वहशत है दर-ओ-बाम डराते हैं मुझे

इतनी वहशत है दर-ओ-बाम डराते हैं मुझे ...

tajwer-shakeel

बिछड़ कर दूर जाना पड़ गया नाँ

बिछड़ कर दूर जाना पड़ गया नाँ ...

tajwer-shakeel

न बढ़ने देगा मुसलसल मिरे गुनाह कोई

न बढ़ने देगा मुसलसल मिरे गुनाह कोई ...

syed-iqbal-rizvi-sharib

मुझे भी हक़ है तुझ से इख़्तिलाफ़ का

मुझे भी हक़ है तुझ से इख़्तिलाफ़ का

swati-sani-resham

वो बेवफ़ा भी हो तो क्या ये ऐसी भी ख़ता नहीं

वो बेवफ़ा भी हो तो क्या ये ऐसी भी ख़ता नहीं ...

swati-sani-resham

उन लम्हों को गुज़रे भी अब एक ज़माना बीत गया

उन लम्हों को गुज़रे भी अब एक ज़माना बीत गया ...

swati-sani-resham

सूरज की रौशनी में बिखरे हुए थे सारे

सूरज की रौशनी में बिखरे हुए थे सारे ...

swati-sani-resham

सुब्ह अब होती नहीं

सुब्ह अब होती नहीं ...

swati-sani-resham

सियह है रात राह तो सुझाई जाए

सियह है रात राह तो सुझाई जाए ...

swati-sani-resham

मिरे ज़िम्मे तिरे घर की निज़ामत है

मिरे ज़िम्मे तिरे घर की निज़ामत है ...

swati-sani-resham

कही जो बात वो सच भी मगर मानी नहीं जाती

कही जो बात वो सच भी मगर मानी नहीं जाती ...

swati-sani-resham

जागी रातों का ए'तिबार कहाँ

जागी रातों का ए'तिबार कहाँ ...

swati-sani-resham

दिल तो फ़रियाद किया करता है

दिल तो फ़रियाद किया करता है ...

swati-sani-resham

चली मस्तानों की टोली कि अब मौसम बदलता है

चली मस्तानों की टोली कि अब मौसम बदलता है ...

swati-sani-resham

तो क्या ये तय है कि अब 'उम्र भर नहीं मिलना

तो क्या ये तय है कि अब 'उम्र भर नहीं मिलना ...

suroor-barabankvi

रक़ीब

तुम ग़ैर नहीं मैं ने माना ...

sumita-misra
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