सभी हिंदी शायरी

भीड़ नहीं ये आँखें हैं

भीड़ नहीं ये आँखें हैं ...

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बच गया

सच्चे 'इश्क़ की लाश पे रोना धोना भी कम होता है ...

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अस्ल सदमा

चने मेरे सोयम के ...

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अना का कौन सा चेहरा था वो

अना का कौन सा चेहरा था वो ...

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अगर हम वापसी भी साथ करते

अगर हम वापसी भी साथ करते ...

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अच्छी ‘आदतों का बोझ

मंज़िलों पर बोझ हो जाती हैं सब ...

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अब नहीं लौटना

मैं बहुत दूर था ...

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आख़री हतक

नमाज़ ख़त्म हो गई ...

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ज़रा सी बात पर घबराने वाले

ज़रा सी बात पर घबराने वाले ...

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ये पत्थर तो इक दिन पिघल जाएगा

ये पत्थर तो इक दिन पिघल जाएगा ...

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ये कह के और मिरा सब्र आज़माया गया

ये कह के और मिरा सब्र आज़माया गया ...

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यार का किरदार आईना निभा सकता नहीं

यार का किरदार आईना निभा सकता नहीं ...

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यक़ीं ख़ुद पे इतना बड़ी बात है

यक़ीं ख़ुद पे इतना बड़ी बात है ...

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यहाँ दिमाग़ कहाँ मैं चलाने आता हूँ

यहाँ दिमाग़ कहाँ मैं चलाने आता हूँ ...

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वो निगाहें जो हज़ारों की सुना करती थीं

वो निगाहें जो हज़ारों की सुना करती थीं ...

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वो दिन भी कैसा सितम मुझ पे ढा के जाएगा

वो दिन भी कैसा सितम मुझ पे ढा के जाएगा ...

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वो भी माहिर था बहुत बात को उलझाने में

वो भी माहिर था बहुत बात को उलझाने में ...

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वार पर वार कर रहा हूँ मैं

वार पर वार कर रहा हूँ मैं ...

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उसे भी कोई मश्ग़ला चाहिए था

उसे भी कोई मश्ग़ला चाहिए था ...

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